Friday, December 27, 2019

जादुई चूहा - Baccho Ke Liye Hindi Kahaniya

जादुई चूहा - Baccho Ke Liye Hindi Kahaniya 

रामपुर नाम के एक शहर मे चुटकी नाम की चुहिया रहती थी | चुटकी किस्मत की बहुत धनी थी वह जहा भी जाती थी वहा किसी भी चीज की कमी नहीं होती थी | एक दिन चुटकी घूमते हुए राहुल नाम के एक बच्चे के घर मे पहुच गयी | उसके घर पहुचते ही उसने बोला अरे वाह लगता है आज तो बहुत बढ़िया खाना मिलेगा और मै तो पेट भरकर खा सकुंगी | उतने मे राहुल बिना निचे देखे चुहिया के पास से गया | फिर चुहिया ने कहा मे तो बाल बाल बच गयी ये इन्सान तो नीचे देखकर भी चलते नहीं है अभी मुझे कुचल देता ये |

चुटकी किचेन मे पहुच जाती है और खाना देखकर बोलती है आज तो बहुत मजेदार और स्वादिष्ट खाना मिलेगा और मै तो आरामसे पेट भरकर खाउंगी |  चुटकी रसोई से अलग अलग खाना खाने लगती है और चुटकी को खाते हुए राहुल की मम्मी उससे देख लेती है और बोली भाग यहासे नाजाने ये चूहे कहासे आजाते है मै तो परेशान होगई हूँ इन चूहों से | राहुल की मम्मी के भागने के बाद चुहिया राहुल के कमरे मे चली जाती है और वहीपर रहने लगती है |
धीरे धीरे राहुल के घरमे बरकत होने लगती है | राहुल का घर आलिशान होजाता है | राहुल और उसके माता पिता रात का खाना खाते हुए आपस मे बात कर रहे थे | राहुल के पापा ने कहा आजकल काम मे बहुत तेजी आरही है मुनाफा भी बहुत हो रहा है | तभी राहुल की मम्मी ने कहा भगवान हमारी खुशियों को इसी तरह बनाए रखे | तभी राहुल अपने पापा से केहता है पापा मेरे सभी दोस्तों के पास साइकिल है मुझे भी दिला दो पापा प्लीज |
तभी राहुल के पापा ने कहा ठीक है इस बार तुम्हे जरुर तुम्हे नई साइकिल दी जायेगी |


जादुई चूहा - Baccho Ke Liye Hindi Kahaniya


एक तरफ राहुल के परिवार वाले सभी खुश थे और दूसरी तरफ चुटकी भी रसोई मे अपनी खुशी का जश्न बना रही होती है | चुटकी सिर्फ एक ही वाक्य बोले जा रही थी " मजा आया और खाना खाया, मजा आया और खाना खाया " और मजे से अपना खाना खा रही होती है तभी राहुल की मम्मी रसोई मे आजाती है और चुटकी को रसोई मे घूमते हुए देखकर बहुत गुस्सा होती है |

राहुल की मम्मी चूहे को घरसे बहार निकालने के लिए रातको रसोई घर मे चूहेदानी लगा देती है | चुटकी जब रातको रसोई घर मे खाना खाने आती है तो अंधेरे के वजह से उसे चूहेदानी दिखाई नहीं देती और चुटकी उसके अन्दर फस जाती है | खाने की लालच मे चूहा चूहेदानी मे फस जाता है और जोर जोर से बोलने लगता है | मे फस गया हूँ मुझे कोई बचाओ और मुझे इस चूहेदानी से बहार निकालो |


अगले दिन राहुल की मम्मी चुटकी हो उठाकर चूहेदानी से बहार सड़क पर फेक देती है | चुटकी के जाते ही राहुल के घर मे आई हुई बरकत कम होने लगती है और राहुल के पापा के काम मे भी घाटा होने लगता है |
राहुल का परिवार संकटों से गुजर रहा होता है | राहुल की मम्मी तभी कहने लगी ये क्या हो रहा है अचानक सबकुछ इतना कैसे बदल गया अभी तक तोह सबकुछ अच्छा चल रहा था | तभी राहुल के पापा बोले लगता है भगवान ने हमारे ऊपर यह कृपा थोड़े समय के लिए ही की थी | तभी राहुल बोला पापा मेरी साइकिल भी नहीं आएगी क्या? तभी उसके पापा ने कहा साइकिल हम अगली बार जरुर लेंगे |

पापा की बात सुनकर राहुल दुखी होजाता है और घर के बहार चले जाता है | राहुल घर का दरवाजा खुल्ला छोड़ जाता है जिसके वजहसे चुटकी एक बार फिर उसके घरमे घुस जाती है | चुटकी घर के अन्दर जाते ही नाचने लगती है और बोली अभी मे तो जमकर स्वादिष्ट खाना खा सकुंगी | चुटकी सीधा रसोई मे चली जाती है और खाना खाने लगती है | कुछ देर बाद राहुल की मम्मी रसोई घर मे आजाती ह और चुटकी को  फिरसे खाते हुए देख लेती है | राहुल की मम्मी बोली एक तो पहले से ही घर मे इतनी दिक्कत चल रही है और उसमे ये चुहिया और परेशान कर रही है | मम्मी चुटकी को वहासे भगा देती है और चुटकी दुबारा राहुल के कमरे मे चली जाती है |

इसी तरह बहुत दिन बित जाते है चुटकी राहुल के घर मे ही रहने लगती है | राहुल के घर की बरकत वापस आने लगती है और उसके पापा का काम भी अच्छे से चलने लगता है | एक रात चुटकी जब घुमने निकलती है वह फिरसे चूहेदानी मे फस जाती है | चुटकी बोलने लगती है ये इनसान आखिर चाहते क्या है एक चुहिया को अच्चेसे खाने क्यों नहीं देते | मै थोड़ी उनके घर चोरी कर रही हूँ मै तो सिर्फ अपना पेट भर रही हूँ | उतने मे राहुल के पापा आजाते है और चुटकी को चूहेदानी से निकालकर घर के बहार फेक आते है | राहुल के पापा परेशान होकर बोलते है ये चुहिया भी कितनी जिद्दी है बार बार आजाती है |


चुहिया को छोड़ते ही अगले दिन राहुल के पापा को काम मे फिरसे घाटा होता है | किसी को कुछ समझ नहीं आरा होता है | चुटकी के आते ही बरकत होती है और चुटकी के जाते ही घरमे घाटा होता है | एक दिन राहुल के मम्मी ने चुटकी के घर आने और जाने की स्तिथि देखि | मम्मी को पता चल गया की जैसे हीये चुहिया घर आती है घर मे बरकत आती है वरना घर की बरकत चली जाती है | तभी उसने सोचा कही ये जादुई चुहिया तो नही है और उसने बोला की अभी जैसे ही ए चुहिया घर आएगी मे उसे कही जाने नही दूंगी |

राहुल की मम्मी चुटकी का वापीस आनेका बहुत इंतज़ार करती है लेकिन चुटकी वापिस कभी आती नही है |
राहुल के घरवाले चुटकी को भागकर पछतावे मे पड जाते है |

Moral of the Hindi Story:

इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है की ज़िंदगी मे कुछ चीजो की अहमियत तब पता चलती है जब हम उन्हें खो देते है |

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