इस कहानी में एक जादुई चक्की Hindi Kahaniya With Moral के बारे में बताया गया है जिससे बच्चो को काफी अच्छी सिख मिलेगी |
जादुई चक्की Hindi Kahani
एक गाव में दो भाई रहा करते थे एक का नाम था सोनू और दुसरे का नाम था मोनू बचपन से ही उनकी हमेशा झगड़ने की आदत थी और इसी वजह से बड़े होने पर वह साथ नहीं रहते थे दोनों के घर अलग थे एक भाई सोनू बहुत अमीर था और दूसरा भाई मोनू बहुत ही गरीब था | सोनू के घर पे सब अच्छे अच्छे कपडे पहनते थे और सभी त्यौहार धूम धाम से मनाते थे उधर मोनू के घर पे सब उल्टा था मोनू के पास कोई काम नहीं था नाहीं खाने को भोजन था वह त्यौहार भी अच्छे से नहीं मना पाते थे सोनू बहुत ही आराम भरी ज़िन्दगी जी रहा था और मोनू बहुत ही कठिनाई भरी ज़िन्दगी जी रहा था मोनू से अपनी परिवार की बुरी हालत देखी नहीं जा रही थी एक दिन उसने अपने भाई सोनू से मदत मांगने की ठान ली और वो सोनू के घर चले गया और बोला सोनू भाई कैसे हो तो सोनू ने कहा ठीक हूँ मैं लेकिन तुम यहाँ क्यों आये हो तो मोनू ने कहा में बहुत मुसीबत में हूँ भाई मुझे तुम्हारी मदत चाहिए मुझे कुछ पैसे उधार चाहिए यह सुनकर सोनू उची आवाज में बोला में जानता था हर बार की तरह आज भी तुम कुछ न कुछ मांगने आये रहोगे | तो मोनू ने कहा ऐसा मत बोलो भाई मेरे बीवी बच्चे भूखे है मैं जल्दी ही तुम्हारे सारे पैसे लौटा दूंगा तो सोनू ने कहा तुम्हारे बीवी बच्चों का में क्यों फिकर करूँ चले जाओ यहा से में तुम्हे एक फूटी कौड़ी भी नहीं दूंगा और उसने मोनू को अपने घर से निकाल दिया |
मोनू अपनी भाई की यह कठोर बाते सुनकर अपने घर की ओर चलने लगा रास्ते में उसने देखा एक बहुत बुढा आदमी लकडियों का ढेर उठाने की कोशिश कर रहा है मोनू का स्वाभाव बहुत अच्छा था उससे ये देखा नहीं गया अकेला बुढा आदमी इतना भारी लकडी का ढेर उठा रहा है और उसने बूढ़े आदमी की मदत करने की सोची और उसने कहा रुकिए काका में आपकी मदत कर देता हूँ | बूढ़े आदमी ने कहा धन्यवाद मुझसे ये भारी वजन उठाया नहीं जा रहा अच्छा हुआ तुम आ गए लेकिन तुम इतने परेशान क्यों दिख रहे हो तो मोनू के कहा कोई बात नहीं है तब बूढ़े आदमी ने कहा तुम अपनी परेशानी मुझे बता सकते हो शायद मैं तुम्हारी कोई मदत कर सकूँ तब मोनू ने बोला मैं बहुत गरीब हूँ मेरा परिवार भूखा है और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूँ मै पैसे भी नहीं कमा पा रहा हूँ मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूँ , बूढ़े के कहा अच्छा ये बात हैं तुम ये लकड़ियों का ढेर मेरे घर तक पहुँचा दो तब मैं भी तुम्हारी मदत करता हूँ तब मोनू लकड़ी की ढेर उठा के बूढ़े आदमी के पीछे पीछे उसके घर तक चला जाता है तब वहा पर बुद्धा आदमी अपने घर में से उसे एक रोटी देता है और बोलता है की यह रोटी लेके जंगल में जाओ काफी दूर जाने पर वहां तुम तीन पेड़ मिलेंगे उस पेड़ के पीछे एक पहाड़ है जहाँ पर एक झोपडी है वहां तीन बौने रहते है उन्हें ये रोटी बहुत पसंद है उन्हें ये रोटी देकर तुम्हे उनसे पैसे नहीं बल्कि पत्थर की चक्की मांगनी है |
मोनू उसकी बातें ध्यान से सुना और वह रोटी लेकर जंगल की ओर चल पड़ा काफी दूर चलने पे उसे वो तीन पेड़ दिख गए जो उस बूढ़े आदमी ने बताये थे वह पेड़ पे काफी अच्छे फल लगे हुए थे मोनू ने रूक कर फल खाने को सोचा लेकिन वह उन बौनों तक पहुचने में देर नहीं करना चाहता था | तब वह आगे की ओर चल पड़ा थोडा आगे चलने पे उसे पहाड़ दिखा और उस पहाड़ पर एक छोटी सी झोपड़ी थी झोपड़ी देखकर मोनू खुश होगया और एक नई फुर्ती के साथ वह आगे बढ़ने लगा मोनू झोपडी के अंदर गया और उसको वो तीन बौने नजर आये बूढ़े आदमी की सारी बाते सच थी और मोनू उस बूढ़े आदमी का मन ही मन धन्यवाद करने लगा | मोनू ने पहले कभी बौने नहीं देखे थे तो उन्हें देखकर मोनू उत्साही हो गया और उनको देखते ही रह गया और भूल गया के वह किस काम के लिए यहाँ आया था लेकिन बौने मोनू को देखकर बहुत नाराज होगये लेकिन मोनू उत्साह में उनका गुस्सा देख ही नहीं पाया | अचानक बौना बोला कोन हो तुम अंदर कैसे आगए मोनू अचानक उनकी आवाज सुनकर सेहेम गया और होश में आगया और बोला में मोनू हूँ तो बौने बोले कोन मोनू तुम जरुर कुछ चुराने आए हो | मोनू डर गया और उसके हाथों से मीठी रोटी गिर गई और उसने बोला में कोई चोर नहीं हूँ| मीठी रोटी देखकर बौनों का गुस्सा ऐसे गायब होगया जैसे बारिश के बाद गर्मी गायब हो जाती है |
बौनों ने कहा हमे तो ये मीठी रोटी बहुत पसंद है क्या ये तुम हमारे लिए लाये हो तो मोनू ने कहा की में ये तुम्हारे लिए ही लाया हूँ लेकिन में ये बेचने लाया हूँ तो बौनों ने कहा कोई बात नहीं हम इसे खरीदेंगे और तुम्हे इसके बदले में क्या चाहिए वो बताईये तुम जो चाहो वो ले सकते हो तो मोनू ने कहा धन्यवाद मुझे इसके बदले मे पत्थर की चक्की चाहिए | बौनों ने कहा हमे मंजूर है और मोनू को उन्होंने उसे जादुई चक्की दे दिया और उन्होंने मोनू से कहा ये कोई मामूली चक्की नहीं है तुम इससे कुछ भी मांग सकते हो | जब तुम इससे कुछ पिसोगे तो ये जादुई चक्की तुम्हारी हर एक इच्छा पूरी करेगी लेकिन एक बात का ध्यान रखना काम होने पर इस जादुई चक्की को लाल कपडे से ढक देना जिससे ये चक्की रुक जायेगी | मोनू ने उनका बहुत शुक्रिया किया और खुश होकर चक्की अपने घर लेकर गया |
मोनू के घर पे बच्चो का बुख से बुरा हाल था उसने तुरंत एक कपडा बिछाया और उस पर जादुई चक्की को रख दिया और अपनी बीवी से लाल कपडा लाने को बोला और चक्की को घुमाने लगा और घुमाते घुमाते बोला की चक्की मुझे दाल दो और दाल बोलते ही चक्की में से दाल निकलने लगी और हांडी दाल से भर गई | हांडी भर दाल मिलने के बाद मोनू के चावल माँगा और चावल भी निकलने लगा फिर मोनू ने जादुई चक्की को लाल कपडे से ढक दिया | ऐसे फिर रोज मोनू तरह तरह की चीजे मांगता और जादुई चक्की वह सब चीजें उसे देती थी वह उन सभी चीजों को बाजार में बेचकर पैसे कमाने लगा और उसने बड़ा भव्य महल बनवा लिया अब उसके पास सब कुछ हो गया खाने को अच्छे अच्छे भोजन पहनने को अच्छे अच्छे कपडे और उसका पूरा परिवार बड़ा ही खुश था |
लेकिन उसकी यह ख़ुशी एक व्यक्ति से देखी नहीं जा रही थी उसके भाई सोनू को उससे जलन होने लगी और सोचने लगा की कुछ दिन पहले ये मुझसे पैसे मांगने आया था और इतनी जल्दी यह इतना अमीर कैसे बन गया इसका पता तो लगाना ही पड़ेगा जरुर कोई चक्कर है ऐसा सोचने के बाद एक दिन सोनू अपने भाई मोनू के घर में घुस गया और उसे जादुई चक्की के बारे में पता चल गया और फिर वह चक्की को चुरा ले गया | और अपने परिवार के साथ गावं छोड़ने की ठान ली जादुई चक्की लेकर वह गावं से निकल पड़ा थोड़ी दूर जाने के बाद उसे एक सागर पार करना था वह नाव में बैठ गया तब उसे चक्की चलाने की इच्छा हुई उसने कहा चक्की चक्की नमक दो चक्की ने नमक देना शुरू कर दिया लेकिन चक्की को रोकते कैसे है ये उसे मालूम नहीं था कुछ देर बाद पूरी नाव नमक से भर गया और नाव डूब गई और इसी के साथ सोनू का पूरा परिवार उसी नाव के साथ डूब गया कहते है आज भी वह जादुई चक्की सागर में चल रही है जिसके कारण सागर का पानी खारा है |
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जादुई चक्की | Hindi Kahaniya With Moral
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की हमें कभी भी किसी से जलन या लालच नहीं करनी चाहिए | लालच बुरी बला है |
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