Tuesday, January 14, 2020

Akbar Birbal Ki Hindi Kahaniyan

Akbar Birbal Ki Hindi Kahaniyan  : इस पोस्ट में अकबर बीरबल की दो प्रसिद्ध कहानियाँ लिखी हुई है जिससे बीरबल की बुद्धिमत्ता का पता चलता है |


Akbar Birbal Ki Hindi Kahaniyan 

Akbar birbal

कितनी सीढियां हैं | Akbar Birbal Ki Hindi Kahaniyan 


बादशाह अकबर और बीरबल महल के बाग में टहल रहे थे। शहंशाह मूड में थे । उन्होंने बीरबल से सवाल कर दिया,"बीरबल, क्या तुम्हें मालूम है कि तुम्हारी पत्नी की कलाइयों में कितनी चूड़ियां हैं?'तुम तो दिन में कई बार पत्नी का हाथ पकड़ते होंगे।

" बीरबल दुविधा में पड़ गए। उन्होंने तो कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया था। बीरबल कुछ देर तक चुप रहे, फिर बोले, "हुजूर , मेरा हाथ तो पत्नी के हाथ को कभी कभार ही पकड़ता है। लेकिन हुजूर , क्या आप बता सकते हैं कि आपकी दाढ़ी में कितने बाल हैं?


" बादशाह बीरबल को बात को नजर अंदाज कर गए। और बोले, "बीरबल दाढी के बाल की गिनती कर पाना नामुमकिन है किन्तु हाथ की चूड़ियों को तो सरलता से गिना जा सकता है।

" बीरबल बोले, "हजूर, औरतों का क्या, वे तो अपनी कलाइयों में कम-ज्यादा चूड़ियां पहनती रहती हैं। औरत के हाथों में कितनी चूड़ियां हैं बिना गिने बता पाना मुश्किल है। आप तो महल में प्रतिदिन ही जाते हैं । ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए आप सीढ़ियां तो चढ़ते ही होंगे। हुजूर, आप बता सकते हैं कि कितनी सीढियां हैं?

" शहंशाह बोले, "मैंने कभी सीढ़ियों की संख्या की तरफ ध्यान ही नहीं दिया।' बीरबल हंसते हुए बोले, "जहांपनाह, सीढ़ियों को तो घटाया-बढ़ाया भी नहीं जा सकता। वे वर्षों से एक ही संख्या में हैं, फिर भी वे कितनी हैं।आपको मालम नहीं तो भला मैं हर माह घटने-बढ़ने वाली चूड़ियों की संख्या कैसे बता सकता हूं? फिर भी मैं दोषी हूं तो बंदे की गर्दन हाजिर है, हुजूर।" बीरबल की इस बुद्धिमत्ता के आगे बादशाह अकबर निरूत्तर रह गए।


दूध भाई | Akbar Birbal Ki Hindi Kahaniyan 


एक शाम बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा, "बीरबल, हमारी दाई मां का बेटा हमारा दूध भाई है, क्योंकि मैंने दाई मां का दूध पीया है। क्या तुम्हारा कोई दूध भाई है?

" बीरबल बोले, "जी, जहांपनाह, है ।" बादशाह ने चुटकी लेते हुए कहा, "तो तुम उसे दरबार में क्यों नहीं लाते हो?" बीरबल ने कहा, "जहांपनाह, वह अभी नन्हा-सा बच्चा है। दरबार में उसे नहीं ला सकता।" शहंशाह अकबर बोले, "छोटा है तो क्या हुआ, कल तुम उसे दरबार में ले आओ।



" अब बीरबल मना भी तो नहीं कर सकते थे। वह बोले "हुजूर, मैं आपके हुक्म का पालन करूंगा।" घर आकर बीरबल ने गाय के बछड़े को खूब सजाया और दूसरे दिन उसे दरबार में लेकर पहुंच गए। अकबर हैरान होते हुए बोले, "बीरबल यह क्या है?' बीरबल सिर झुकाकर बोले, "हुजूर, यह मेरा दूध भाई है।

" बादशाह बोले, "क्या बछड़ा तुम्हारा दूध भाई है?" जवाब में बीरबल ने कहा, "हां, यही है। जिस गाय का मैं दूध रोज पीता हूं, यह उसी गाय का बछड़ा है।" बादशाह अकबर बीरबल की इस बुद्धिमत्ता पर खुश हो गए। जिसका हम खाते हैं, उसका आदर करना चाहिए।

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